तोमर(तँवर) वंश के खुटेला/कुन्तल गोत्र का इतिहाश

#तोमर(तँवर) वंश खुटेला /कुन्तल इतिहासमथुरा जिले मे पाण्डुवंशी तोमर /तँवर जाट को अर्जुन के नाम पर कौन्तेय/कुन्तल(कुंती पुत्र) भी बोला जाता है।#दिल्ली के राजा अनंगपाल तृतीय जिनका वास्तविक नाम अर्कपाल था। उनके दुवारा मथुरा के गोपालपुर गाँव में संवंत 1074 में मन्सा देवी के मंदिर की स्थापना की यह गाँव गोपालदेव तोमर ने बसाया और एक सैनिक चोकी यहां बनाई।अनंगपाल तोमर/तँवर ने गोपालपुर के पास 1074 संवत में सोनोठ में सोनोठगढ़ का निर्माण करवाया जिसको आज भी देखा जा सकता है।इन्होंने सोनोठ में एक खूँटा गाड़ा और पुरे भारतवर्ष के राजाओ को चुनोती दी की कोई भी राजा उनके गाड़े गए इस स्तम्भ (खुटे) को हिला दे या दिल्ली राज्य में प्रवेश कर के दिखा दे किसी की हिम्मत नहीं हुई। इसलिए जुरारदेव तोमर के वंशज खुटेला कहलाये। महाराजा अनंगपाल तोमर की रानी हरको देवी के एक पुत्र जुरारदेव तोमर हुए जो सोनोठ गढ़ में गद्दी पर बैठे । जुरारदेव तोमर के आठ पूत्र हुए#1_सोनपाल देव तोमर-इन्होंने सोनोठ पर राज्य किया#2_मेघसिंह तोमर-इन्होंने मगोर्रा गाँव बसाया#3_फोन्दा सिंह तोमर ने फोंडर गाँव बसाया#4_गन्नेशा (ज्ञानपाल) तोमर ने गुनसारा गाँव बसाया#5_अजयपाल तोमर ने अजान गाँव बसाया#6_सुखराम_तोमर ने सोंख#7_चेतराम तोमर-चेतोखेरा गाँव#8_बत्छराजने बछगांव बसायाइन आठ गाँव को खेड़ा बोलते है इनसे पुरे 200 गाँव बसे इन आठ खेड़ों में से चेतोखेरा गाँव से तोमर वंशी आसपास बस गए यह सिर्फ कुछ घर है और गाँव टीले के रूप में विधमान है।#मंशा देवी के मंदिर पर प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ला-पूर्णमासी को एक विशाल मेला लगता है जिसमे सिर्फ तोमर वंशी कुन्तल जाते है ।।
कुलदीप पिलानिया बाँहपूर
बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश

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