भारत माता विधावती जी .......अमर रहें ........
भारत माता विधावती की जय महज़ चंद पंग्तियों के पीछे "भारत माता की जय" का जुमला गढ़ते हुए आख़िर आज भारत माता का एहसास हुआ हालाँकि यह अदृश्य रहने वाली भावनाओं के ज़रिए ही था। इस माँ ने एक बार कहा था "यदि ईश्वर कोई ऐसी सर्वोत्तम व्यवस्था कर देते कि औलादों के दुख माताओं को लग जाया करते तो माताएँ संसार में एक भी बच्चे को दुखी न रहने देतीं" एक माँ जिसके चौबीस साल से भी कम उम्र के बेटे ने वतन की ख़ातिर फाँसी का फंदा चूम लिया हो, बेटे ने मरने से पहले न रोने का वायदा लिया हो। जिस समय सारा देश रो रहा था तो उस माँ के लिए एक भी आँसू न बहाना कितना कष्टकारी रहा होगा। जिसका पति कभी देश की ख़ातिर जेल तो कभी दूर देश में अनाथों की सेवा तो कभी मुक़दमों की पैरवी ताउम्र ही करता रहा हो साथ ही अंतिम दिनों में फ़ालिज से ग्रसित हो गया हो। जिसके देवर-ज्येष्ठ जेल में प्रताड़ित हो बीमारी से वहीं मर गये हों तो दूसरे को जलावतन करके बर्मा भेज दिया गया हो। जिसके अन्य दोनों बेटे जेल की बेड़ियों में जकड़े रहे हों। 1904 में शादी के बाद से आज़ादी तक इसी तरह के तमाम कष्टों व प्रताड़ना को सहने के बा