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जाट किसान

कैसे कर खेती न पालूं खाद बीज सब होगे महंगे कैसे कर पानी लाऊं बिजली के बिल भी होगे महंगे म्हारी एक आशया खेती की और कोई कमाई ना में सबका पेट पालूं फिर भी मेने भलाई ना ।। . कुलदीप पिलानिया जाट बुलंदशहर उत्तर प्रदेश

भोला किसान

रे आके देख धरा पे भोले किसान के हालाँ ने आँख खोल के देख ले भोले सरकारां की चालां ने किसान बीच आके भोले समझादे सारे लालां ने रे यो जाड़ा गर्मी खेत कमावे फिर भी पेट इसका भरता ना मार दिया इन सरकारां ने अर तू भी टेम ते बरसता ना भोले जे तू सुनले मेरी पुकार ते किसान बिन आई मोत मरता ना ।। कुलदीप पिलानिया जाट बुलंदशहर उत्तर प्रदेश 

जाट के काम

जाटां ने सदा ते दो काम रखे  बतन खातिर लड़ना  अन्न ऊगा के सबका पेट भरना  जय जाट देवता