बल्लभगढ़ नरेश अमर बलिदानी राजा नाहर सिंह (विशेष जानकारी )


बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिहँ 1857की आजादी के महानायक जिन्होेने फाँसी चढ़कर देश के लिए अपना राजपाठ ही नही अपना सबकुछ बलिदान किया | आज बड़े फक्र की बात है कि उनको सर्व समाज द्वारा याद किया जा रहा है | जबकि सरकार शहीदों की अनदेखी कर रही है| 1857 की आजादी की लड़ाई जो अग्रेजों के खिलाफ पहली लड़ाई थी |इस लड़ाई में हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई और जाट कौम ने सभी ने धर्म व जाति से ऊपर उठकर राजा नाहर सिहँ की अगुआई में पूरे भारत में क्रान्ति का बिगुल बजाया | धोखे से अग्रेजों ने समझौता वार्ता कर राजा नाहर सिहँ और उनके सेनापति गुलाब सिहँ सैनी , खुशहाल सिहँ गुर्जर व भुरा सिहँ को धोखे से गिरफ्तार करके 9 जनवरी 1858 को दिल्ली के लाल किले के सामने चाँदनी चौक पर सरेआम फांसी पर लटका दिया गया |
फांसी से पहले अपनी अतिंम इच्छा में जागरूकता का संदेश देते हुए कहा था कि मेरे मरने का मातम करने के बजाय क्रान्ति की इस ज्योति को अपने दिलों में जलाये रखना |
#जय जाट योद्धेय...
शत् शत् नमन 🙏

कुलदीप पिलानिया बाँहपुरिया
बुलंदशहर उत्तर प्रदेश

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