जाटो की अमर कर देने वाली वीरगाथा ( Battle of Dograi )

Battle of dograi ये जटों की अमर करदेने वाली वीरता की गाथा है जो 21 /22सितम्बर 1965 को लड़ी गयी थी इस में पहले बंदूको से फिर ग्रेनेड और बाद में टोपी और हाथो से ये लड़ाई लड़ी गयी थी जिस में जाटों ने लाहौर के करीब dograi पर कब्ज़ा किया था ये लड़ाई संसार की 10 greatest battles में गिनी जाती है ये 3rd जाट रेजिमेंट के सिपाही थे और इसके leader Lt col Desmonde hayde थे और कमांडिंग अफसर col golwala थे इस लड़ाईमें 308 पाकिस्तानी फौजी मारे गए थे और 86 जट भारतीय फौजी श्ाहीद हुए थे ये लड़ाई 3rd jatts और 18th पंजाब रेजिमेंट के बीच हुई थी ये लड़ाई जब हुई तब 6 सितम्बर को dograi जो लाहौर से एक किलोमीटर दूर है उस पर 3 rd jat regiment ने कब्ज़ा कर लिया था और इस दौरान जो बाकि रसद और फ़ौज वहाँ नहीं भेजी जा पायी थी तो ये युद्ध 21 /22सितम्बर को dograi को जाटों ने अपने कब्जे में रखा इस लड़ाई का निशान लाहौर की सीमा का निशान जो जाट उखाड़ के लाये थेआज भी 3rd जट के musem में रखा है वो lt col Desmonde hayde ही थे उस वक्त अपनी बेजोड़ नेत्रत्व और जटों की बहादुरी की वजह से 1965 की जंग भारत जीत पाया एक पाकिस्तानी अफसर ने लिखा कि सन् 1965 की भारत पाकिस्तान की जंग पाकिस्तान सिर्फ जटों की वजह से हारा था Jatt balwan !!!!
कुलदीप पिलानिया बाँहपुरिया
बुलादशाहर उत्तर प्रदेश ।।

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