जाट रागणी


जाट मैहर सिंह दहिया
अरै फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइये अपनी प्रेमकौर नै ।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥
हाँ तेरे बिना पिया इस घर मै दिखे घोर अँधेरा ।
गाम बरोने मै तेरे बिन दिखे उज्जड डेरा ।
चंदा बिना चकोरी सुनी सबने हो श बेरा ।
रही थान पै कूद बछेरी कित्त जा श छोड़ बछेरा ।
और फीका पड़ गया चेहरा मेरा फीका पड़ गया चेहरा मेरा कित्त लुट्टे मेरे त्योंर नै ।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥
हाँ शाम सावेरी मन्ने एकली नै खेता मै जाणा हो ।
बदमास्याँ की टोली घुमै मुश्किल गात बचाणा हो ।
तेरी खातर रहूंगी जीवती जब तक पाणी दाणा हो ।
नहीं मौत का कोई भरोसा कद हो ज्या माल बिराणा हो ।
हाँ बिना मोरनी कौन नचावैबिना मोरनी कौन नचावै रंग रंगीले मोर नै ।
अरै डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥
हाँ पतला गात बैद ज्यू लरजे पाड़ी खिली जोर की ।
होठ गुलाबी चमकै श जणू बिजली पुरे पोर की ।
काली गौ मै तेरी सु देखू सु बाँट खोर की ।
पतले पतले होठ मेरे जैसे बिजली पूरे पोर की ।
हाँ कठपुतली की तरियां नाचूँ कठपुतली की तरियां नाचूँ जद तू हलावे डोर नै ।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै
हाँ दरजी के तै सीमा दिए मेरा लेडी मिन्टन सूट पिया ।
पायाँ के मा मन्ने पराह ऊँची एड्डी के बूट पिया ।
छम छम कर कै चालूँगी जणू फौजी जा रंग रूट पिया ।
तेरे बिना क्यूकर जीउ कैसे भरू सब्र की घूँट पिया ।
हाँ मेहर सिंह तो भूल ना जाइये मेहर सिंह तो भूल ना जाइये अपनी चित्त चोर नै ।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥
फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइये अपणी प्रेमकौर नै ।डर डर कै मर ज्यांगी पिया देख कै घटा घोर नै ॥
कुलदीप पिलानिया जाट
बुलंदशहर उत्तर प्रदेश

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